इस किताब के प्रथम अध्याय में बिहार और झारखंड की प्राथमिक शिक्षा, सर्वशिक्षा और साक्षरता के संदर्भ में दृश्य प्रस्तुत किए गए हैं। दूसरे अध्याय में झारखंड के अनुसूचित जनजातीय आवासीय विद्यालयों का मूल्यांकन है। तीसरा अध्याय में बालिका शिक्षा के सार्वजनीकरण की दशा-दिशा से संबंधित है। चौथे अध्याय में कुकुरमुत्तों जैसे फैलते निजी स्कूलों की तस्वीर है। पांचवे अध्याय में बिहार के प्राथमिक शिक्षा के सच का उल्लेख है तो आखिरी अध्याय में झारखंड में प्रचलित सहभागी प्राथमिक शिक्षा प्रबंधन में ग्राम शिक्षा समितियों की भूमि का आकलन है।