भारत में आज लगभग 20 प्रतिशत आबादी पेयजल के स्थायी अभाव में जी रही है। करीब 20 प्रतिशत आबादी प्रदूषित पानी पर ही जिंदा है! 50 प्रतिशत से भी अधिक गांव-शहर पेय-जल की कमी और अनियमित आपूर्ति की समस्या झेल रहे हैं। ताजा आंकड़ें बोलते हैं कि भारत में 20 करोड़ लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध् नहीं है। यह समस्या मात्रा भारत की नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व की है। संयुक्त राष्ट्र की एक घोषणा के अनुसार, .... अगर यही हाल रहा तो 2025 तक दुनिया में हर 3 में से 2 लोग पानी की कमी से त्रस्त हो जाएंगे।
FANSA के नाम से लोकप्रिय, फ़्रेशवाटर एक्शन नेटवर्क साउथ एशिया ने दक्षिण एशिया में डीएफआइडी के अंतर्गत गवर्नेन्स ट्रान्सपेरेन्सी फंड के तहत, पानी और स्वच्छता के संदर्भ में महत्वपूर्ण पहल की है।
FANSA की इस पहल में आंध्रप्रदेश के 'MARI' (वारंगल) तथा 'CRSD' (अनंतपुर), 'ग्राम विकास', बरहमपुर(उड़ीसा) और 'साथी',गोड्डा (झारखंड) सहयोगी हैं।
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